मरीज –
डॉ. सा., क्या आजकल ह्रदय गति रूकने के कारण बहुतायत से होने वाली मृत्यु को हम टाल सकते हैं?
आजकल नवयुवकों में महामारी के रूप में फ़ैल रही दिल की बीमारी के बारे में कृपया हमारा उचित मार्गदर्शन करें.
डॉ. स्वतंत्र जैन –
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भगवान या प्रकृति ने हमे एक ही ह्रदय दिया है. इस अद्भुत ह्रदय की निम्न विशेषताएं हैं –
- हमारे ह्रदय सिर्फ शुद्ध खून को पम्प करने के लिए डिजाईन किया गया है.
- हमारा ह्रदय बिना मेन्टेनेंस के बिना रुके कम से कम सौ साल तक धड़कता रहता है.
- भगवान या प्रकृति ने आजतक दिल की कोई बीमारी बनाई ही नहीं है.
- किसी भी सामान्य पम्प में अगर आप गन्दा पानी लम्बे समय तक डालेंगे, तो वह निश्चित ही जल्दी खराब हो जाएगा.
- इसी तरह से अगर आप कई तरह की दवाइयां महीनों या सालों तक खाकर अशुद्ध या गंदे हो गये खून को अपने ह्रदय से पम्प करेंगे, तो निश्चित ही की तरह यह ह्रदय या पम्प भी शीघ्र ही लड़खड़ाने लगेगा और फिर खराब भी हो जाएगा.
अतः अब आप भी जान लें कि –
80% दिल की बीमारी बार-बार एलोपैथी की दवाइयां कई साल तक खाने से हुए दुष्परिणामों से होती हैं.
5% दिल की बीमारी खान-पान में मिले टॉक्सिन से होती हैं.
5% दिल की बीमारी अनियमित दिनचर्या तथा टेंशन से होती हैं.
5% दिल की बीमारी आधुनिक व्यस्त जीवन शैली से होती हैं.
5% दिल की बीमारी फ़ास्ट फ़ूड के मिले-जुले परिणाम से होती हैं.
हमारी आधुनिक जीवन-प्रणाली तथा इंजेक्शन और केप्सूल द्वारा कई तरह की विषैली औषधियों के रक्त में मिलने और नियमित दिनचर्या के अभाव के कारण ह्रदय की दुर्गति होने लगती है.
रक्त में कोलेस्ट्राल, ब्लड-यूरिया और ब्लड-शुगर आदि की दवाइयों से भी हार्ट फेल हो जाने की संभावना बन जाती है।
हमारा ह्रदय शुद्ध मानव रक्त के संचालन के लिये बना है, लेकिन इंजेक्शन और केप्सूल द्वारा कई तरह की विजातीय औषधियों के रक्त में मिश्रित हो जाने से ह्रदय में दूषित रक्त जाने लगता है, जिससे ह्रदय दुर्बल होता रहता है।
लेकिन सच्चाई यह है कि हमारा ह्रदय कम से कम सौ साल के लिए धड़कने के लिए बना है,
ऐसी स्थिति में रक्त शुद्धि का ध्यान रख कर, खान-पान में सावधानी रखने और नियमित एक्सरसाइज और नियमित जीवन-चर्या से हार्ट फेल का होना टाला जा सकता है और ह्रदय को सुचारू रूप से धड़काया जा सकता है।
अतः हमे चाहिए कि हम हमारे सबसे प्रमुख और हमारे जीवन के आधार-स्तम्भ इस ह्रदय रुपी पंप को दवाई रहित शुद्ध खून को ही पंप करने दें.
हर जिम्मेदार व्यक्ति को आजकल इतना ज्यादा कार्य का भार और जिम्मेदारी रहती है कि वह दिन-रात मेहनत करता हुआ अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं कर पाता है.
अतः सभी तरह की ऑफिस और घर की चिन्ताओं का बोझ लेकर हर समय परेशान न रहे।
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आज बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में दिल के रोगियों को अरबो रुपयों की दवाईयां बेच रही हैं. हर साल इनका उत्पादन दुगना हो रहा है. इनके प्रभाव में आकर डॉक्टर भी आपको निम्न कई तरह की दवाइयों के जाल में फंसा देता है –
- कोलेस्ट्रोल कम करने की गोली,
- ह्रदय को सुचारू (?) रूप से चलाने की गोली,
- खून की नली की चोकिंग से खून के प्रवाह में रुकावट न आये, इसलिए खून पतला करने की गोली,
- बी.पी. की गोली,
- दवाइयों के साइड-इफेक्ट से हो गयी डायबटीज की गोली,
- इन दवाइयों को पचाने की और इनसे होने वाली एसिडिटी से बचाव की गोली,
- इन दवाइयों से हो रही कमजोरी के लिए मल्टी-विटामिन की गोली,
उपरोक्त दवाइयों में से आपको कोई दवा एक बार, तो कोई दवा दो बार लेनी पड़ती है. इस तरह आपको रोज 12 से 15 गोली लेनी पड़ती है और आपका शरीर अब इन दवाइयों के असर से लड़खड़ाने हुए चलने लगता है.
साथ ही आप और आपकी पत्नी या पति डरे हुए भी रहते हैं कि अगर फिर से दिल की नली चोक हो गयी, तो आपको हार्ट अटेक आने की संभावना बढ़ जायेगी.
ये दवाइयां आपको आजीवन लेनी पड़ती हैं. कुछ सालों बाद किसी भी छोटी सी परेशानी होने पर डॉक्टर फिर से कहता है कि एंजियोप्लास्टी करवाओ. इस तरह आपके लाखो रूपए लुटते हैं और आपकी जिंदगी इसी तरह से परेशानी और उलझन में ख़त्म हो जाती है.
इस तरह डॉक्टर-हॉस्पिटल-मल्टीनेशनल कंपनियों के त्रिदोष का यह त्रिकोण हमारे देश में खूब फल-फूल रहा है और हमारे देश के हजारों करोड़ रूपये यह त्रिकोण हड़प रहा है.
इस त्रिकोण की हर भुजा दूसरी दोनों भुजाओं की मदद कर रही है और उन्हें सहारा दे रही है.
इस त्रिकोण ने पूरे देश को जकड़ लिया है. क्या आप इस त्रिकोण के चक्रव्यूह से छूटना चाहेंगे?
ज्यादातर ह्रदय रोगियों को तो मेरे बताये अनुसार मात्र अल्प कालीन दवाइयां, कायाकल्प तथा लाइफ स्टाइल में बदलाव से ही उत्तम क्वालिटी का स्वस्थ जीवन मिल सकता है।
- अतः अगर आप अपने आप को स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी मुश्किल से बचाना चाहते हैं,
- अगर आप चाहते हैं कि ऐसा आकस्मिक ह्रदयाघात आपको कभी भी न हो,
- अगर आप चाहते हैं कि ऐसी किसी भी लाचारी और परेशानी से आप कभी भी रूबरू न हों,
तो डॉ. स्वतंत्र जैन की हेल्थ प्लानिंग सर्विसेज का लाभ लेकर सभी बीमारियों से स्वस्थ हों तथा आगे से हमेशा नीरोगी रहें.
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बिना क्लिनिकल जांच MRI या CT Scan के बीमारी मुक्त खुशहाल जीवन जियें –
आज की इस भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में आपके पास अपने खुद के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने का भी समय नहीं रहता है.
लेकिन जब इस लापरवाही की आपको बहुत बड़ी सजा बीमारी के रूप में मिलती है, तब तक बहुत देर हो जाती है.
अतः अब देर न करें और अगर आप किसी भी तरह की शारीरिक समस्याओं जैसे कि डॉयबिटीज़, बी. पी., जोड़ों का दर्द, लिवर, किडनी, हार्ट से संभावित किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं और उसका जड़ से इलाज चाहते हैं या फिर डॉक्टर ने आपको किसी तरह का ऑपरेशन बताया है और आप उससे आजीवन बचना चाहते हैं,
तो इसका समाधान है डॉ. स्वतंत्र जैन द्वारा बताया गया
नेचरल होम्योपैथिक उपचार.
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आप चाहे, तो हमारे नेचरोपैथी तथा योग केंद्र में आकर आप 10 दिन का नेचरल होम्योपैथिक स्वास्थ्य उपचार ले सकते हैं. हमारे इस केंद्र में आपके निवास, भोजन, योग, फिजियोथेरेपी, तथा नेचरोपैथी की उत्तमोपम व्यवस्था उपलब्ध है.
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डॉ. स्वतंत्र जैन
प्रेसीडेंट : मुक्तियाँ विश्व शांति, सुख, सम्रद्धि ट्रस्ट
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टीम – डॉ. स्वतंत्र जैन
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